योगी ने शपथ ग्रहण करते ही यूपी में कानून व्यवस्था सुधारने की बात कही। 2017 से 2022 तक योगी ने माफियाओं, बदमाशों, हिस्ट्रीशीटरों के घरों पर बुलडोजर चले। 2022 यूपी चुनाव की घोषणा से काफी पहले सीएम योगी आदित्यनाथ प्रचार में लग गए थे। आठ जनवरी को चुनाव एलान से पहले वो 68 रैलियां कर चुके थे। एक भी जगह उन्होंने बुलडोजर का प्रचार नहीं किया था।
20 जनवरी को कन्नौज-इटावा समेत 16 जिलों में तीसरे चरण के वोट पड़ रहे थे। अखिलेश बगल के जिले अयोध्या में चौथे चरण के लिए रैली कर रहे थे। यहां उन्होंने मंच से कहा, ‘जो जगहों का नाम बदलते थे, आज एक अखबार ने उनका ही नाम बदल दिया। अखबार अभी गांवों में नहीं पहुंचा होगा। हम बता देते हैं, उनका नया नाम रखा है, बाबा बुलडोजर।’
अखिलेश के बाबा बुलडोजर कहते ही योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने बुलडोजर का प्रचार तेज कर दिया। अगले दिन योगी ने कहा, ‘बुलडोजर हाईवे भी बनाता है, बाढ़ रोकने का काम भी करता है। साथ ही माफिया से अवैध कब्जे को भी मुक्त करता है।’ 25 फरवरी को जब योगी रैली के लिए निकले तो उन्होंने हेलीकाप्टर की एक फोटो शेयर की। उन्हें अपनी रैली में कई बुलडोजर खड़े नजर आए।
धीरे-धीरे बाबा का बुलडोजर एक ब्रांड बनने लगा। चुनाव में भी ‘यूपी की मजबूरी है बुलडोजर बाबा जरूरी है’ के नारे लगाए गए। पोस्टर, बैनर, सभाएं हर जगह योगी के साथ बुलडोजर नजर आने लगा। योगी के बुलडोजर का प्रचार सिर्फ यूपी तक नहीं, बल्कि देश के बाकी राज्यों तक होने लगा।
बाकी राज्यों में भी लोग अपराध को खत्म करने के लिए योगी के बुलडोजर पैटर्न को लागू करने की मांग करने लगे। इसका असर यूपी के चुनाव में देखने को मिला। भाजपा ने 2022 में भी 403 में से 273 सीटों पर जीत हासिल कर दोबारा सरकार बना ली। योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार सीएम बने।